Chogadiya चौघड़िया
जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।
Note: Muhurat cant be replaced by Chaudhadiya.
दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है।
यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 90 मिनट का एक चौघड़िया होता है।
चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है।
सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवां चौघड़िया होता है।
सात वारों के चौघड़िए अलग-अलग होते हैं।
सामान्य रूप से श्रेष्ठ चौघड़िए शुभ, चर (चंचल), अमृत और लाभ के माने जाते हैं।
उद्वेग, रोग और काल को नेष्ट माना जाता है।
प्रत्येक चौघड़िए का ग्रह स्वामी होता है जो उस समय में बलप्रधान माना जाता है।
उद्वेग का रवि,
चंचल का शुक्र,
लाभ का बुध,
अमृत का चंद्र,
काल का शनि,
शुभ का गुरु,
रोग का मंगल ग्रह स्वामी है।
कोई लोहे या तेल से संबंधित व्यापार शुरू कर रहा हो तो उसके लिए शनि के प्रभाव वाला काल का चौघड़िया उत्तम फलदायी सिद्ध हो सकता है।
चौघड़िए का स्वामी जिस दिशा में दिशाशूल का कारक हो उस दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है। जैसे चन्द्र के चौघ्धिया में पूर्व दिशा में नहीं जाना चाहिए |
जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है।
Note: Muhurat cant be replaced by Chaudhadiya.
दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है।
यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 90 मिनट का एक चौघड़िया होता है।
चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है।
सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवां चौघड़िया होता है।
सात वारों के चौघड़िए अलग-अलग होते हैं।
Assuming Sunrise is at 6AM
Morning Chhogdhiya
Time
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Sunday
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Monday
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Tuesday
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Wednesday
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Thursday
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Friday
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Saturday
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Sunrise – 90 minutes
6AM-7:30 PM
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Udyeg
|
Amrut
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Rog
|
Labh
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Shubh
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Char
|
Kaal
|
7:30-9:00AM
|
Char
|
Kaal
|
Udyeg
|
Amrit
|
Rog
|
Labh
|
Shubh
|
9:00 – 10:30
|
Labh
|
Shubh
|
Char
|
Kaal
|
Udyeg
|
Amrit
|
Rog
|
10:30-12: 00
|
Amrut
|
Rog
|
Labh
|
Shubh
|
Char
|
Kaal
|
Udyeg
|
12: 00-1:30
|
Kaal
|
Udyeg
|
Amrut
|
Rog
|
Labh
|
Shubh
|
Char
|
1:30-3:00
|
Shubh
|
Char
|
Kaal
|
Udyeg
|
Amrit
|
Rog
|
Labh
|
3:00-4:30
|
Rog
|
Labh
|
Shubh
|
Char
|
Kaal
|
Udyeg
|
Amrit
|
4:30-6:00
|
Udyeg
|
Amrut
|
Rog
|
Labh
|
Shubh
|
Char
|
Kaal
|
Evening Chhogdhiya
Assuming Sunset is at 6 PM
Time
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Sunday
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Monday
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Tuesday
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Wednesday
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Thursday
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Friday
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Saturday
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Sunset – 90 minutes
6PM-7:30 PM
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Shubh
|
Char
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Kaal
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Udyeg
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Amrut
|
Rog
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Laabh
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7:30-9:00PM
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Amrut
|
Rog
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Laabh
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Shubh
|
Char
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Kaal
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Udyeg
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9:00 – 10:30
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Char
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Kaal
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Udyeg
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Amrit
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Rog
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Laabh
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Shubh
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10:30-12: 00
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Rog
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Laabh
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Shubh
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Char
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Kaal
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Udyeg
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Amrut
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12: 00-1:30
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Kaal
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Udyeg
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Amrut
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Rog
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Labh
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Shubh
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Char
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1:30-3:00
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Laabh
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Shubh
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Char
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Kaal
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Udyeg
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Amrut
|
Rog
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3:00-4:30
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Udyeg
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Amrut
|
Rog
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Laabh
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Shubh
|
Char
|
Kaal
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4:30- Sunrise 6:00 AM
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Shubh
|
Char
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Kaal
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Udyeg
|
AMrut
|
Rog
|
Laabh
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सामान्य रूप से श्रेष्ठ चौघड़िए शुभ, चर (चंचल), अमृत और लाभ के माने जाते हैं।
उद्वेग, रोग और काल को नेष्ट माना जाता है।
प्रत्येक चौघड़िए का ग्रह स्वामी होता है जो उस समय में बलप्रधान माना जाता है।
उद्वेग का रवि,
चंचल का शुक्र,
लाभ का बुध,
अमृत का चंद्र,
काल का शनि,
शुभ का गुरु,
रोग का मंगल ग्रह स्वामी है।
कोई लोहे या तेल से संबंधित व्यापार शुरू कर रहा हो तो उसके लिए शनि के प्रभाव वाला काल का चौघड़िया उत्तम फलदायी सिद्ध हो सकता है।
चौघड़िए का स्वामी जिस दिशा में दिशाशूल का कारक हो उस दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है। जैसे चन्द्र के चौघ्धिया में पूर्व दिशा में नहीं जाना चाहिए |
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