Tithi

CONCEPT of TITHI:
>In one complete cycle, there is 360 degrees.
If we decide it by 12, we get 30. 30/2 gives 15.

>Let us assume that Sun and Moon are at same position initially. This is the First tithi
As Moon moves, when the difference between them becomes 12 degrees, second tithi starts.
After another 12 degrees, 3rd tithi starts.
In siimilar fashion, at  168-180 degree, we get 15th tithi, which is known as Amasavya
This first phase of 15 tithi is known as SHukla Paksh

>After Amasvya, second set of tithi starts, starting from first tithi to last tithi. The last tithi i.e. 15th tithi is known as Purnima. This is known as Krishna Paksh

>On Amavasya Moon is not visible, while on Purnima, full moon is visible.
>As stated hindi tithi is based on degrees and not on sunrise/sunset/midnight etc. The convention is thetithi at sunrise is the tithi of the day.
The 15  tithi are:

  1. Pratipada.
  2. Dwitiya.
  3. Tritiya.
  4. Chaturthi.
  5. Panchami.
  6. Shashthi.
  7. Saptami.
  8. Ashtami.
  9. Navami.
  10. Dashami.
  11. Ekadasi.
  12. Dwadashi.
  13. Trayodashi.
  14. Chaturdashi.
  15. Purnima. 



MISSING TITHI:
> Sometimes it happens that between two sunrises, one tithi is lost.
Consider the case: the 5th tithi starts on Monday at 8:00AM and 6th tithi starts on Tuesday at 5:50AM. Sunrise on Tuesday is at 6:32AM. Thus on tuesday tithi will be 6th tithi , while on Monday, tithi was 4th tithi.

The name of the tithi is same in both krishna paksh and shukla paksh.

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Tithi
S.No.
Tithi
Features
Others
1
प्रतिपदा तिथि | Pratipada Tithi

First tithi i.e. Pratipada tithi is stronger in krishna paksha. प्रतिपदा तिथि में गृह निर्माण, गृह प्रवेश, वास्तुकर्म, विवाह, यात्रा, प्रतिष्ठा, शान्तिक तथा पौष्टिक कार्य आदि सभी मंगल कार्य किए जाते हैं. 
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में चन्द्रमा को निर्बल माना गया है. इसलिए शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में विवाह, यात्रा, व्रत, प्रतिष्ठा, सीमन्त, चूडा़कर्म, वास्तुकर्म तथा गृहप्रवेश आदि कार्य नहीं करने चाहिए.

2

द्वित्तीया तिथि | Dwitya Tithi


विवाह मुहूर्त, यात्रा करना, आभूषण खरीदना, शिलान्यास, देश अथवा राज्य संबंधी कार्य, वास्तुकर्म, उपनयन आदि कार्य करना शुभ माना होता है परंतु इस तिथि में तेल लगाना वर्जित है.

3

तृतीया तिथि | Tritya Tithi


तृतीया तिथि में शिल्पकला अथवा शिल्प संबंधी अन्य कार्यों में, सीमन्तोनयन, चूडा़कर्म, अन्नप्राशन, गृह प्रवेश, विवाह, राज-संबंधी कार्य, उपनयन आदि शुभ कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं.

4

चतुर्थी तिथि | Chaturthi Tithi


सभी प्रकार के बिजली के कार्य, शत्रुओं का हटाने का कार्य, अग्नि संबंधी कार्य, शस्त्रों का प्रयोग करना आदि के लिए यह तिथि अच्छी मानी गई है. क्रूर प्रवृति के कार्यों के लिए यह तिथि अच्छी मानी गई है.

5

पंचमी तिथि | Panchami Tithi


पंचमी तिथि सभी प्रवृतियों के लिए यह तिथि उपयुक्त मानी गई है. इस तिथि में किसी को ऋण देना वर्जित माना गया है.

6

षष्ठी तिथि | Shashthi Tithi


षष्ठी तिथि में युद्ध में उपयोग में लाए जाने वाले शिल्प कार्यों का आरम्भ, वास्तुकर्म, गृहारम्भ, नवीन वस्त्र पहनने जैसे शुभ कार्य इस तिथि में किए जा सकते हैं. इस तिथि में तैलाभ्यंग, अभ्यंग, पितृकर्म, दातुन, आवागमन, काष्ठकर्म आदि कार्य वर्जित हैं.

7

सप्तमी तिथि | Saptami Tithi



विवाह मुहुर्त, संगीत संबंधी कार्य, आभूषणों का निर्माण और नवीन आभूषणों को धारण किया जा सकता है. यात्रा, वधु-प्रवेश, गृह-प्रवेश, राज्य संबंधी कार्य, वास्तुकर्म, चूडा़कर्म, अन्नप्राशन, उपनयन संस्कार, आदि सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं.


8

अष्टमी तिथि | Ashtami Tithi


इस तिथि में लेखन कार्य, युद्ध में उपयोग आने वाले कार्य, वास्तुकार्य, शिल्प संबंधी कार्य, रत्नों से संबंधित कार्य, आमोद-प्रमोद से जुडे़ कार्य, अस्त्र-शस्त्र धारण करने वाले कार्यों का आरम्भ इस तिथि में किया जा सकता है.


9

नवमी तिथि | Navami Tithi


नवमी तिथि में शिकार करने का आरम्भ करना, झगडा़ करना, जुआ खेलना, शस्त्र निर्माण करना, मद्यपान तथा निर्माण कार्य तथा सभी प्रकार के क्रूर कर्म इस तिथि में किए जाते हैं.


10

दशमी तिथि | Dashmi Tithi


दशमी तिथि में राजकार्य अर्थात वर्तमान समय में सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है. हाथी, घोड़ों से संबंधित कार्य, विवाह, संगीत, वस्त्र, आभूषण, यात्रा आदि इस तिथि में की जा सकती है. गृह-प्रवेश, वधु-प्रवेश, शिल्प, अन्न प्राशन, चूडा़कर्म, उपनयन संस्कार आदि कार्य इस तिथि में किए जा सकते हैं.

11

एकादशी तिथि | Ekadashi Tithi



एकादशी तिथि में व्रत, सभी प्रकार के धार्मिक कार्य, देवताओं का उत्सव, सभी प्रकार के उद्यापन, वास्तुकर्म, युद्ध से जुडे़ कर्म, शिल्प, यज्ञोपवीत, गृह आरम्भ करना और यात्रा संबंधी कार्य किए जा सकते हैं.


12

द्वादशी तिथि | Dwadashi Tithi


इस तिथि में विवाह, तथा अन्य शुभ कर्म किए जा सकते हैं. इस तिथि में तैलमर्दन, नए घर का निर्माण करना तथा नए घर में प्रवेश तथा यात्रा का त्याग करना चाहिए.

13

त्रयोदशी तिथि | Tryodashi Tithi


संग्राम से जुडे़ कार्य, सेना के उपयोगी अस्त्र-शस्त्र, ध्वज, पताका के निर्माण संबंधी कार्य, राज-संबंधी कार्य, वास्तु कार्य, संगीत विद्या से जुडे़ काम इस दिन किए जा सकते हैं. इस दिन यात्रा, गृह प्रवेश, नवीन वस्त्राभूषण तथा यज्ञोपवीत जैसे शुभ कार्यों का त्याग करना चाहिए.

14

चतुर्दशी तिथि | Chaturdashi Tithi



चतुर्दशी तिथि में सभी प्रकार के क्रूर तथा उग्र कर्म किए जा सकते हैं. शस्त्र निर्माण इत्यादि का प्रयोग किया जा सकता है. इस तिथि में यात्रा करना वर्जित है. चतुर्थी तिथि में किए जाने वाले कार्य इस तिथि में किए जा सकते हैं.


15

पूर्णमासी | Purnmasi ====

अमावस्या | Amavasya

 


पूर्णमासी जिसे पूर्णिमा भी कहते हैं, इस तिथि में शिल्प, आभूषणों से संबंधित कार्य किए जा सकते हैं. संग्राम, विवाह, यज्ञ, जलाशय, यात्रा, शांति तथा पोषण करने वाले सभी मंगल कार्य किए जा सकते हैं.
इस तिथि में पितृकर्म मुख्य रुप से किए जाते हैं. महादान तथा उग्र कर्म किए जा सकते हैं. इस तिथि में शुभ कर्म तथा स्त्री का संग नहीं करना चाहिए.





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तिथियों को पांच भागों में बांटा जाता है जो इस प्रकार हैं:
1.  नंदा - प्रतिपदा, षष्ठी, एकादशी - 1,6,11, FRiday - If nanda tithi falls on Friday it is auspicious
2.  भद्रा - द्वितीया, सप्तमी, द्वादशी , 2,7,12, Wednesday , If Bhadra tithi falls on Wednesday, it is auspicious
3.  जया - तृतीया, अष्टमी, त्रयोदशी , 3,8,13, TUesday
4.  रिक्ता - चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी, 4,9,14 saturday
5.  पूर्णा - पंचमी, दशमी, पूर्णिमा , 5, 10, 15 thursday
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तिथि पंचांग के आधार पर उन्नीस घंटे से लेकर चौबीस घंटे तक होती है।
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INAUSPICIOUS DAYS – The following days (Tithis) are considered to be inauspicious
  1. DAGDHA
  2. VISHA
  3. HUTASHAN
The dates are considered to be inauspicious if it falls on the following days
  SUN. MON. TUE. WED. THUR. FRI. SAT.
DAGDHA 12th 11th 5th 3rd 6th 8th 9th
VISHA 4th 6th 7th 2nd 8th 9th 7th
HUTASHAN 12th 6th 7th 8th 9th 10th 11th
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